अजमेर | 5 अक्टूबर 2025
राजस्थान कांग्रेस के “संगठन सृजन अभियान” के तहत रविवार को अजमेर में हुई बैठक में गहलोत और पायलट समर्थकों के बीच नारेबाज़ी और तीखी झड़प देखने को मिली। बैठक का संचालन करने आए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अशोक तंवर को बीच में हस्तक्षेप कर माहौल शांत कराना पड़ा।

बैठक शहर और देहात कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष चयन को लेकर बुलाई गई थी। चर्चा के दौरान पूर्व अध्यक्ष विजय जैन अपने कार्यकाल की रिपोर्ट दे रहे थे, तभी कुछ कार्यकर्ताओं ने बीच में टोकाटोकी की। देखते ही देखते माहौल गरमाने लगा और दोनों गुटों के बीच माइक छीनने और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बन गई।
करीब दस मिनट तक चली इस गर्मागर्मी में “जय पायलट” और “गहलोत जिंदाबाद” के नारे गूंजते रहे। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की, जिसके बाद बैठक को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा।
पर्यवेक्षक अशोक तंवर ने सख्त लहजे में कहा—
“कांग्रेस एक परिवार है, यहां गुटबाजी की कोई जगह नहीं है। जो संगठन के हित में नहीं सोचेगा, वह खुद को नुकसान पहुंचाएगा।”
उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी के भीतर मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से टकराव पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाता है।
बैठक के बाद दोनों गुटों ने अपने-अपने शक्ति प्रदर्शन की कोशिश की। हालांकि किसी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ की घटना नहीं हुई।
राजस्थान में इन दिनों कांग्रेस के नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर गुटीय तनाव एक बार फिर से सतह पर आ गया है। अजमेर की घटना ने साफ कर दिया कि गहलोत-पायलट समर्थकों की खींचतान अभी खत्म नहीं हुई है।
राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले यह अंतर्कलह पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।
🧾 मुख्य बिंदु
- बैठक में नारेबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर।
- पर्यवेक्षक अशोक तंवर ने कहा—“गुटबाज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
- किसी तरह की हिंसा नहीं, लेकिन माहौल गर्म।
- संगठन सृजन अभियान के तहत अजमेर में जिला नेतृत्व चयन पर मतभेद उभरे।