अजमेर | 6 अक्टूबर 2025
ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह, अजमेर शरीफ़ से जुड़ी अंजुमन कमेटी में प्रशासनिक विवाद एक बार फिर तेज़ हो गया है।
खादिम समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने मौजूदा अंजुमन कमेटी पर लापरवाही, चुनाव में देरी और वित्तीय गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगाए हैं।
6 अक्टूबर 2025 को अंजुमन सचिव को भेजे गए एक पत्र में खादिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि अंजुमन कमेटी का कार्यकाल 25 जून 2025 को समाप्त हो चुका है, लेकिन अब तक न तो नई समिति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई है, और न ही समुदाय को किसी आधिकारिक कार्रवाई की सूचना दी गई है।
पत्र में लिखा गया है कि बीते तीन महीनों में करोड़ों रुपये से जुड़ी दरगाह की ज़मीनों और कार्यों में अनियमितता सामने आ रही है।
साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि कमेटी की निष्क्रियता से दरगाह के धार्मिक और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
खादिम प्रतिनिधियों — सैयद मुज़फ़्फ़र हुसैन, सैयद परवेज़ अहमद, और अन्य सदस्यों ने अपने हस्ताक्षरित पत्र में लिखा है:
“अगर अंजुमन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तो दरगाह और कौम को होने वाले हर वित्तीय और प्रशासनिक नुकसान की ज़िम्मेदारी मौजूदा अंजुमन पर होगी।”
दूसरे पत्र में खादिम समाज ने यह भी कहा है कि अगर अंजुमन समिति अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा पाती, तो खादिम समाज एक संयुक्त समिति बनाकर उर्स की तैयारियों और अन्य लंबित कार्यों को स्वयं पूरा करेगा।
पत्र में यह भी उल्लेख है कि पिछले तीन वर्षों में भी कई मुद्दे अधूरे रहे, और अब वही हालात फिर दोहराए जा रहे हैं। इससे समुदाय के अंदर असंतोष और अविश्वास बढ़ रहा है।
पत्र के अंत में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि —
“अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो उसकी पूरी कानूनी, प्रशासनिक और नैतिक ज़िम्मेदारी अंजुमन कमेटी की होगी।”
यह विवाद दरगाह के धार्मिक प्रशासन के भीतर गहराते मतभेदों की ओर संकेत करता है, जो आने वाले चुनावों से पहले बड़े परिवर्तन की भूमिका बना सकता है।