मिडल ईस्ट टेंशन: ईरान-इज़राइल तनाव से ग्लोबल मार्केट्स में उथल-पुथल, ट्रेडर्स रहें सतर्क

23 जून 2025 | शमशुद दुहा |अजमेर

मध्य पूर्व में एक बार फिर ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव ने ग्लोबल ट्रेडिंग मार्केट्स को झकझोर कर रख दिया है। जहां एक ओर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर निवेशकों में डर के कारण सेफ हेवन एसेट्स — जैसे सोना और डॉलर — की मांग में भी अचानक उछाल आया है।

क्या है ताज़ा स्थिति?

ईरान और इज़राइल के बीच चल रही गुप्त और प्रत्यक्ष कार्रवाइयों ने अब खुले संघर्ष का रूप लेना शुरू कर दिया है। ईरानी मीडिया और पश्चिमी एजेंसियों के मुताबिक, हाल ही में एक कथित इज़राइली ड्रोन हमले ने तेहरान के पास एक सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया, जबकि इज़राइल का कहना है कि वह सिर्फ अपने सुरक्षा हितों की रक्षा कर रहा है।

जवाबी कार्रवाई में ईरान समर्थित गुटों की ओर से इज़राइली सीमाओं के पास मिसाइल दागे जाने की खबरें हैं। हालांकि अब तक कोई व्यापक युद्ध की स्थिति नहीं बनी है, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है।

बाज़ार पर असर

क्रूड ऑयल ब्रेंट क्रूड की कीमतें 3% तक उछली हैं, जो अब \$88.50 प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रही हैं। मध्य पूर्व में किसी भी तरह की अशांति सप्लाई चेन पर असर डाल सकती है, जिससे कीमतों में और तेजी संभव है।

सोना (Gold) निवेशकों ने सेफ हेवन की ओर रुख किया है। सोना \$2,400 प्रति औंस के स्तर पर पहुंच चुका है, जो पिछले तीन महीने का उच्चतम स्तर है।

शेयर बाजार एशियाई और यूरोपीय मार्केट्स में हल्की गिरावट देखी गई, खासकर डिफेंस और एनर्जी सेक्टर को छोड़कर। अमेरिकी फ्यूचर्स में भी वोलैटिलिटी बढ़ी है।

ट्रेडर्स के लिए सलाह

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह स्थिति आगे और बिगड़ती है, तो ऑयल मार्केट, कमोडिटी मार्केट और करेंसी एक्सचेंज पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।

कमोडिटी ट्रेडर्स क्रूड ऑयल और गोल्ड में तेजी का रुझान बने रहने की संभावना है। लेकिन वोलैटिलिटी को ध्यान में रखते हुए स्ट्रिक्ट स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करें।

इक्विटी ट्रेडर्स रक्षा क्षेत्र (डिफेंस स्टॉक्स), एनर्जी कंपनियां और सेफ हेवन एसेट्स से जुड़ी कंपनियों के स्टॉक्स पर नज़र रखें।

फॉरेक्स मार्केट डॉलर और स्विस फ्रैंक जैसी करेंसीज़ में तेजी आ सकती है, जबकि उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की करेंसीज़ दबाव में आ सकती हैं।

ईरान-इज़राइल के बीच चल रही यह तनातनी सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी वैश्विक बाज़ारों के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर बनती जा रही है। निवेशकों और ट्रेडर्स को निकट भविष्य में सावधानीपूर्वक फैसले लेने की ज़रूरत है।

National View

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