यह उनके लिए पहला अवसर था जब वे इस ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचे थे। इस दौरान अजमेर के भाजपा नेताओं ने उनका शानदार स्वागत किया, जबकि मंत्री रिजिजू ने दरगाह पर गरीब नवाज ऐप और एक नया वेब पोर्टल लॉन्च किया, जिससे अब जायरीन को दरगाह की जानकारी और सुविधाएं ऑनलाइन मिल सकेंगी।

रिजिजू ने चादर चढ़ाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से भेजी गई चादर, देशभर के लोगों की ओर से अर्पित की गई चादर के समान है। उन्होंने इस पहल को भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक बताया। उनका कहना था कि अजमेर शरीफ की दरगाह पर सभी समुदायों के लोग आते हैं और दुआ मांगते हैं, और यह हमारी सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।

उर्स के दौरान दरगाह में भीड़ बढ़ी है, क्योंकि लोग अपनी मन्नतें मांगने और चादर चढ़ाने के लिए आ रहे हैं। इस अवसर पर दरगाह के आसपास विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए थे, जिनमें सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उर्स का आयोजन छह दिन तक होता है, और यह दरगाह की धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति श्रद्धा न केवल मुसलमानों की होती है, बल्कि हिंदू और अन्य धर्मों के लोग भी यहां आकर अपनी आस्थाएं अर्पित करते हैं। इस तरह की एकता और भाईचारे की भावना देश के विविध धार्मिक परिवेश में महत्वपूर्ण है, और यह भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती प्रदान करती है।

इस साल, उर्स के दौरान डिजिटल पहल के रूप में गरीब नवाज ऐप और वेब पोर्टल ने दरगाह से संबंधित जानकारी को और अधिक सुलभ बना दिया है, जिससे जायरीन को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।