अजमेर । विश्व प्रसिद्ध महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती र.अ की दरगाह में 812वें उर्स का झंडा सोमवार को बुलंद दरवाजे पर परंपरागत तरीके से शानो शैकत के साथ फहराया गया।
भीलवाड़ा के गौरी परिवार ने हर साल की तरह इस बार भी दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाई. इस दौरान लाल मोहम्मद गौरी के पोते फखरुद्दीन गौरी ने झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की। झंडा चढाए जाने की रस्म के अवसर पर दरगाह परिसर जायरीन और स्थानीय नागरिकों से खचाखच भरा रहा । इससे पहले झंडे का जुलूस दरगाह गेस्ट हाउस से असर की नमाज के बाद शाम को निकाला गया जो लंगर खाना गली, दरगाह बाजार, निजाम गेट होता हुआ बुलंद दरवाजे तक पहुंचा।
निजाम गेट से लेकर बुलंद दरवाजे तक कलंदरों ने हैरत अंगेज करतब दिखाए ,
इस बीच हजारों जायरीन झंडे को चूमने, हाथ लगाने के लिए बेताब हो रहे थे। झंडे के जुलूस में सीआरपीएफ के बैंड, ढोल बजाते लोग चल रहे थे वहीं झंडे के आगे आगे शाही कव्वाल के साथ गौरी परिवार चल रहा था। कव्वाल कव्वाली गाते चल रहे थे।
उर्स में दरगाह शरीफ आने वाले जायरीनो के लिए जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी ने माकूल बंदोबस्त किए हैं. इस साल उर्स में लगभग तीन लाख जायरीन और हजारों की संख्या में वाहनों के पहुंचने की उम्मीद है. सुरक्षा के लिए सैकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. उर्स की विधिवत शुरुआत रजब का चांद दिखाई देने पर 12 या 13 जनवरी की रात से शुरू होगी.।