गंज में कई दशकों से चलने वाले राजकीय यूनानी अस्पताल को बिना कोई जगह मुहैया कराए इस महीने के आखिर तक खाली करने के आदेश मिले हैं। आयुर्वेद निदेशक की ओर से मिले एक खत के बाद यूनानी डॉक्टरों ओर मरीजों में हड़कंप मच गया है।
मामला यूनानी निदेशालय तक पहुंचने पर इस मामले में कोर्ट में आगे की कार्यवाही के लिए विधिक राय मांगी जा रही है। आयुर्वेद निदेशक डॉ. आनंद कुमार शर्मा ने निदेशालय यूनानी चिकित्सा विभाग जयपुर को एक खत भेजा है। इसमें अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1 के ओर 14 दिसंबर 2021 के आदेश का हवाला दिया गया है। डॉ. शर्मा ने लिखा कि गुलाबचंद रामप्यारी पलोड राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सालय गंज अजमेर के मामले में 14 दिसंबर 2021 को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश अजमेर के सामने पेशी पर दिए गए निर्देशों के तहत ऊपर बताई गई जगह पर सिर्फ आयुर्वेद औषधालय ही चलाना है। यूनानी चिकित्सालय संचालित नहीं करना है। यूनानी चिकित्सालय को अन्यत्र स्थानांतरित कराया जाना है। इस काम को 01 फरवरी 2022 को आगामी पेशी से पहले कराने के लिए निर्देशित किया गया है।

क्षेत्र में यूनानी अस्पताल होने से एक बड़ी आबादी को यूनानी पैथी का फायदा मिल रहा था। अब विभागीय अधिकारी असमंजस में हैं कि इतने कम वक्त में वे अस्पताल को कहां लेकर जाएंगे। अगर विभाग को यह अस्पताल खाली भी कराना है तो उसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तो होनी चाहिए।-
हालांकि कुछ ही वक्त पहले आयुष विभाग के ज़रिए इस अस्पताल को बेहतर इन्तेज़ामात मुहैय्या कराने की नीयत से करीब 42 लाख रुपये दिय गए जिससे इस अस्पताल में मरीज़ों के लिए वार्ड, हाल वगेरह बनाए गए है और खास तौर पर अस्पताल की बाउंड्री का काम भी कराया गया है। एसे में अभी ये काम पूरी तरह से तैयार भी नही हुआ था कि इस अस्पताल को खाली करने की बात सामने आरही है। अब इलाके के लोगो ने इसकी विरोध भी शुरू कर दी है। वही लोगों का कहना है कि इस इलाके में यूनानी अस्पताल का फायदा हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आने वाले ज़ायरीन को भी मिलता है। अगर इस अस्पताल को यहां से हटा दिया जायेगा तो सभी को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।