ख्वाजा का हिन्दुस्तान: जिंदाबाद” अजमेर में चढ़ा चिश्ती रंग। शानो शौकत के साथ सजी कुल महफिल। जन्नती दरवाज़ा हुआ बंद। बड़े पीर की पहाड़ी से दी गई तोपों सलामी। दरगाह में गूंजी या मोईन ह़क़ मोईन की सदाऐ।

महान सुफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रह. के 810वें सालाना उर्स मुबारक के मौके पर दरगाह शरीफ़ स्थित महफिल खाने में कुल की महफिल सम्पन्न हुई। सज्जदानशीन दीवान सैयद जैनुलआबेदीन अली खान की सदारत में आयोजित महफिले कुल में दरगाह शरीफ़ के शाही कव्वाल ने हजरत अमीर खुसरो के कलाम को पढ़ा। जैसे ही हारमोनियम और तबले की थाप पर ‘आज रंग है रि माँ रंग है रि..‘ गूंजा उसी के साथ पूरी दरगाह शरीफ़ का माहौल चिश्तीयां रंग में सराबोर नज़र आया। हर तरफ़ ख्वाजा के चाहने वालों की फरियादें और इस 810वे उर्स मुबारक में शामिल होने की खुशी थी। सब की बस एक ख्वाहीश थी कि ‘करम की बस एक नज़र हो या ग़रीब नवाज़‘।

कुल की महफिल के साथ ही सुराही में गुलाब जल और केवड़े का पानी छिड़का गया। कुल के छींटे को पाने की हसरत में हर कोई नज़र आया। दरगाह शरीफ़ में देर रात से धुलाई का सिलसिला शुरू हो गया था जिससे की पूरी दरगाह के अहाते में एक रूहानी फिज़ा फैली हुई महसूस हुई।

केवड़े और गुलाबजल से महकी दरगाह

बडे पीर की पहाडी से दी गई तोपो की सलामी: कुल की महफिल के साथ ही दरगाह शरीफ़ के क़दीमी रस्मों को मौरूसी अमले की जानिब से पूरा किया गया। जहां बड़े पीर की पहाड़ी से तोपों की सलामी दी गई वहीं नक्कारखाने से शादियाने बजाए गए।

जन्नती दरवाज़ा हुआ बंद

कुल की महफिल समाप्त होने के साथ ही सज्जादानशीन दरगाह ख्वाजा साहब आस्ताना शरीफ़ में हाजरी के लिए पहुंचे। इसी के साथ जन्नती दरवाज़ा बंद हो गया।

पूरी हुई दागौल की रस्म:

सज्जादानशीन साहब के आस्ताना शरीफ़ में जाने के साथ ही तारिखी छतरी गेट से मलंद और कलंदर हज़रात के महफिल खाने पहुंच कर दागोल की रस्म को अदा किया।

बदला खिदमत का वक्त

कुल की महफिल होने के साथ ही आस्ताना शरीफ़ में बदला खिदमत का वक्त पहले की तरह हो जाएगा। अब रोज़ाना जौहर की नमाज़ के बाद आस्ताना शरीफ़ की खिदमत की जाएगी।

दरगाह कमेटी ने दी सभी को उर्स की मुबारकबाद

ख्वाजा ग़रीब नवाज़ के उर्स के मौके पर दरगाह कमेटी द्वारा सभी आशिके ख्वाजा और जिला प्रशासन का शुक्रिया अदा किया गया। इस मौके पर दरगाह कमेटी के चेयरमैन अमीन पठान द्वारा अपने संदेश में कहा गया कि यह ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रह. का करम है कि हर साल की तरह इस साल भी आपका उर्स मुबारक अपनी पूरी शानों शौकत और अज़मत के साथ मनाया गया। हम दुआ करते हैं कि पूरी दुनिया जल्द कोरोना वबा से निजात पाए। उर्स के मौके पर दरगाह कमेटी के नायब सदर मुनव्वर खान, सदस्य सैयद बाबर अशरफ, सैयद शाहिद हुसैन रिज़्वी, सपात खान, वसीम राहतअली, जावेद पारेख सहित नाज़िम शादां जैब खान उपस्थित रहे।

कायड़ विश्रामस्थली पर हुई छठी की महफिल

ख्वाजा ग़रीब नवाज़ के उर्स के मौके पर कायड़ विश्रामस्थल पर जिला प्रशासन एवं दरगाह कमेटी की ओर से जायरीन के लिए समस्त व्यवस्थाए की गई। प्रातः दस बजे सुन्नी दावते इस्लामी के शाकिर अली नूरी द्वारा विशेष दुआ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआ की गई। इस वर्ष लगभग 450 से अधिक बसों के जरीये जायरीन कायड़ विश्रामस्थल पहुंचा।

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