विश्व प्रसिद्ध महान सूफी संत हजरत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रह. के 810वें सालाना उर्स का आगाज बुलन्द दरवाजे़ पर परचम नस्ब होने के साथ शुरू हो गया। इस मौके पर बडे़ पीर की पहाड़ी से 21 तोपों की सलामी दी गई। और सीआरपीएफ के ब्रास बैण्ड से ख्वाजा साहब की शान में धुनों को बजाया गया।
गरीब नवाज़ गेस्ट हाउस से असर की नमाज के बाद झंडे का जुलुस प्रारंभ हुआ जो लंगर खाना गली होते हुए निज़ाम गेट से बुलंद दरवाज़ा पहुंचा। परचम ( झंडा ) नस्ब होने के साथ ही दरगाह शरीफ में उर्स की कामयाबी और कोरोना से निजात की दुआ की गई। दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान, नायब सदर मुनव्वर खान, सदस्य सपात खान सहित नाज़िम शादांब जैब खान उपस्थित रहे।
गौरी खानदान पेश करता हैं परचम: ख्वाजा साहब के उर्स में भीलवाड़ा का गौरी खानदान 1928 से यह परचम पेश करता हुआ आ रहा है। इसके साथ ही उर्स की अनौपचारिक शुरूआत होती हैं । झंडे की रस्म में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की।
अब 02 फरवरी को खुलेगा जन्नती दरवाज़ा।
हिजरी संवत के जमादिल आखिर महीने की 25 तारीख को देखते हुए अस्र की नमाज के बाद झंडे के जुलूस की शुरुआत दरगाह गेस्ट हाउस से हुई। सैयद मारूफ चिश्ती की सदारत में और गौरी परिवार के फखरुद्दीन गौरी की अगुवाई में जुलूस रवाना हुआ। इस दौरान पुलिस बैंड के वादक सूफियाना कलामों की धुनें बिखेर रहे थे। शाही कव्वाल असरार हुसैन और साथी भी मनकबत के नजराने पेश करते हुए चल रहे थे। जुलूस के दौरान बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप के गोले दागे जा रहे थे।
प्रशासन दिखा मुस्तैद: झंडे की रस्म के दौरान पुलिस जाब्ता मुस्तैद दिखा, दोपहर से ही मार्गो की सफाई व्यवस्था के साथ ही रस्सों को बांध कर वाहनों को दूसरे मार्गो पर भेजने का कार्य प्रारंभ रहा। इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं मेला मजिस्टे्ट राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, एसडीएम महावीर सिंह, डीएसओं अंकित पाचार उपस्थित रहे।