विश्व प्रशिद्ध महान सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर पेश की गई। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी दिल्ली से चादर लेकर अजमेर दरगाह पहुंचे। चादर ओर अकीदत के फूल पेश करने के बाद प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश को बुलंद दरवाजे पर पढ़ा गया।
उर्स के मौके पर शनिवार दोपहर 3 बजे के करीब बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ अजमेर दरगाह में पहुंचे। दरगाह के मुख्य द्वार पर उनका स्वागत किया गया। सभी पुलिस के घेरे में प्रधानमंत्री की चादर लेकर दरगाह के अंदर प्रवेश हुए और मोदी की चादर और अकीदत के फूल पेश किए गए। चादर पेश कर भाजपा पदाधिकारियों ने देश में अमन-चैन और भाईचारा बना रहे, इसे लेकर के दुआ की।
बुलंद दरवाजे पर पढ़ा गया प्रधानमंत्री का संदेश
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा- ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 812वें उर्स मुबारक के अवसर पर विश्व भर में उनके अनुयायियों और अजमेर शरीफ में आए सभी श्रद्धालुओं को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं। आस्था, अध्यात्म व ज्ञान की पावन धरा भारत के संतों, पीरों व फकीरों ने अपने जीवन, आदों व विचारों से जन-जन को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
लोगों में अमन, शांति, सद्भावना व भाईचारे का संदेश देते हुए उन्होंने हमारी सांस्कृतिक एकता को सशक्त किया। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने हमारी इस महान परंपरा को और समृद्ध किया।
गरीब नवाज के मानवता से जुड़े संदेशों और लोक कल्याण की भावना ने दुनियाभर के लोगों को प्रभावित किया है। उनके वार्षिक उर्स को हमारी सांस्कृतिक विविधता और मान्यता के उत्सव के रूप में मनाना समाज में आपसी जुड़ाव को और मजबूत करता है। अमृत काल में अपनी गौरवशाली विरासत पर गर्व के साथ हम एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हैं।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस कर्तव्य काल में देशवासियों की एकता, एकजुटता व सामर्थ्य से राष्ट्र उन्नति की नई ऊंचाइयों को छुएगा। वार्षिक उर्स के अवसर पर दरगाह शरीफ़ के लिए चादर भेजते हुए मैं ख्वाजा जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं और उनसे देशवासियों की प्रसन्नता व समृद्धि की कामना करता हूं।
जुलूस के रूप में चादर लेकर पहुंचे, आतिशबाजी की
812वें उर्स में पहली बार प्रधानमंत्री की चादर जुलूस के रूप में दरगाह तक लेकर गए। इसके साथ ही पहली बार आतिशबाजी भी की गई। वही बुलंद दरवाजे पर प्रधानमंत्री का संदेश का बैनर लगाया गया।